
नई दिल्ली: दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश बन गया है जो बिना वैक्सीन, एंटी बॉडी और बड़े पैमाने पर लॉकडाउन के बिना ही कोरोना बीमारी से उबरने लगा है. दक्षिण कोरिया में कई तरह की गाइडलाइन के साथ ही दफ्तर, म्यूजियम खुलने लगे हैं. सड़कों पर वैसी भीड़ तो नजर नहीं आ रही है लेकिन अब पहले जैसा सन्नाटा भी नहीं दिख रहा है. मई में ही स्कूल भी खोलने की तैयारी चल रही है.
कोरोना से लड़ने के लिए दक्षिण कोरिया ने 3 टी (3T) मॉडल का इस्तेमाल किया है. इसका मतलब है, ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट. जो बहुत कामयाब रहा।
दक्षिण कोरिया ने लॉकडाउन नहीं किया था, मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तक बंद नहीं हुए थे, मगर टेस्टिंग और आइसोलेशन पर बहुत ज़ोर दिया था. अब वहां मामलों की संख्या थमने लगी है. म्यूज़ियम, लाइब्रेरी और दफ्तर खुलने लगे हैं.
भारत में कोरोनावायरस और उससे होने वाले रोग COVID-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और संक्रमितों की तादाद 52,000 के पार हो चुकी है. इसी की रोकथाम की कोशिशों के तहत सरकार ने देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन किया हुआ है. यह भी पढ़े पेट की चर्बी देखते ही
दक्षिण कोरिया की सड़कों पर भी ट्रैफिक सामान्य तो नहीं हो पाया है, लेकिन वापसी बता रही है कि दक्षिण कोरिया ने पहले चरण में ठीकठाक प्रगति की है. 13 मई से हाईस्कूल और 20 मई से किंडरगार्टन स्कूल खुल जाएंगे.
16 मार्च के बाद से दक्षिण कोरिया में एक्टिव केसों की संख्या कम होने लगी थी. अप्रैल में कुछ दिन नए केसों की संख्या दो या तीन ही रही. मई के महीने में पिछले पांच दिन में 30 ही नए केस आए हैं. 7 मई को नए केसों की संख्या सिर्फ सात थी.दक्षिण कोरिया में स्कूल-कॉलेज खुलने लगे हैं. दक्षिण कोरिया में अभी तक 10,810 केस ही हुए हैं, जिनमें से 9,419 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं.