

खबर मिल रही है कि शिवसेना और बीजेपी दोनों ही पार्टियां लोकसभा और विधानसभा का चुनाव मिलकर साथ ही लड़ेंगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी-25 और शिवसेना-23 सीटें पर लड़ेगी. वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर मामला अभी अटका हुआ है क्योंकि शिवसेना मुख्यमंत्री का पद मांग रही है और बीजेपी ने आधे-आधे टर्म का प्रस्ताव दिया है।
हैरानी की बात यह है कि कुछ दिन पहले शिवसेना ने भाजपा खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था लगने लगा था कि दोनों पार्टियां अलग अलग चुनाव में उतरेंगी साथ ही बीजेपी भी शिवसेना को हल्के में ले रही थी लेकिन ऐसा लग रहा है कि राजस्थान, और मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में हार के बाद बीजेपी को भी लग रहा है कि सहयोगी दलों को बनाए रखने में ही भलाई है।
महाराष्ट्र में बीजेपी के बढ़ते जनाधार को देख शिवसेना ने अयोध्या के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में पैठ बनाने की कोशिश शुरू कर दी और पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से राम मंदिर के लिए कानून लाने की मांग कर दी. इसी बीच शिवसेना नेता अयोध्या भी पहुंच गए. दूसरी ओर राफेल मुद्दे पर शिवसेना पूरी तरह से कांग्रेस के साथ नजर आई और जितने तीखे वार कांग्रेस ने किए उससे कम शिवसेना ने भी किए।
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 26 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी, जिनमें से 23 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जबकि शिवसेना 22 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 18 सीटें जीती थी. वहीं, विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़े थे, लेकिन बाद में दोनों ने मिलकर सरकार बनाया था।