

‘आप तो लेबोरेटरी में जिंदगी गुजारने वाले लोग हैं, आपके अदंर पायलट प्रोजेक्ट करने की परंपरा होती है, उसके बाद आगे बढ़ते हैं. अभी-अभी एक पायलट प्रोजेक्ट हो गया है. अभी रियल करना है, पहले तो प्रैक्टिस थी.’ यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान करने के बाद कही। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ” रियल ये है कि आज के विजेताओं के लिए खड़े होकर तालियां बजाइए और इनका स्वागत कीजिए”
#WATCH PM Narendra Modi during Shanti Swarup Bhatnagar Prize for Science and Technology ceremony at Vigyan Bhavan in Delhi. 'Pilot project hone ke baad scalable kiya jata hai, to abhi abhi ek pilot project ho gaya, abhi real karna hai, pehle to practice thi.' pic.twitter.com/SiftXrg4dE
— ANI (@ANI) February 28, 2019
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें अपनी मौलिक शक्ति को बनाए रखते हुए भविष्य के समाज और इकोनॉमी के हिसाब से ढालना होगा. अब हमारे फार्मा सेक्टर और बायोटेक सेक्टर को ज्यादा गति देने का समय आ गया है. आज भारत में बनी दवाएं दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में निर्यात की जा रही हैं.’
बता दें कि पीएम मोदी ने यहां जो पुरस्कार वितरित किए, वह भारतीय विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के संस्थापक निदेशक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर के नाम से दिया जाता है. विज्ञान भवन में पुरस्कार वितरण के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने हमेशा मानवता की भलाई के लिए अपना योगदान दिया है. विज्ञान से जुड़े हमारे संस्थानों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने आपको गढ़ना होगा।